जिन्होने भवेत वामन तारों कृश्ण विवर तथा तारकीय संरचना एवं विकास एवं तारकीय गतिकी पर अपने शोध संसार के सम्मुख प्रस्तुत किये।
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हमारी अपनी नीहारिका जिसे मिल्की-वे गेलेक्सी भी कहा जाता है के केंद्र में खगोल विज्ञान के माहिरों ने एक व्यवस्थित तारकीय संरचना का पता लगाया है.
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इसके बजाय, खगोलविद इनके जीवनकाल के अलग-अलग बिन्दुओं पर कई तारों के विश्लेषण द्वारा तथा कंप्यूटर मॉडलों द्वारा तारकीय संरचना का अनुकरण कर के यह पता लगाते हैं कि तारे कैसे विकसित होते हैं.
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इसके बजाय, खगोलविद इनके जीवनकाल के अलग-अलग बिन्दुओं पर कई तारों के विश्लेषण द्वारा तथा कंप्यूटर मॉडलों द्वारा तारकीय संरचना का अनुकरण कर के यह पता लगाते हैं कि तारे कैसे विकसित होते हैं।